Monday 18 January 2016

जियोवन्नी रोजो। उम्र 103 साल, ड्राइवरी 80 साल, एक भी एक्सीडेंट नहीं

जियोवन्नी रोजो है ब्रिटेन के सबसे ज्यादा उम्र के ड्राइवर, इटली की सेना में भी रह चुके हैं



लंदन। 103 वर्षीय जियोवन्नी रोजो ब्रिटेन के सबसे पुराने ड्राइवर हैं। वह आठ दशक से बिना एक भी एक्सीडेंट किए हुए गाड़ी चला रहे हैं। जियोवन्नी का जज्बा ऐसा है कि वह इस उम्र में भी ड्राइविंग करने से नहीं हिचकते। ब्रिटेन के कैंब्रिज के रहने वाले जियोवन्नी का आइसक्रीम और दूध का कारोबार है। पिछले साल उनकी पत्नी का निधन हो गया था। इसके बाद से वह हर दिन पहले अपनी पत्नी की कब्र पर और इसके बाद दुकान पर 23 साल पुरानी मित्सुबिशी लांसर कार से जाते हैं। जियोवन्नी की पत्नी नियमित रूप से एक यात्री के रूप में उनकी कार में सफर करती थी।



6 साल ट्रेन भी चलाई
जियोवन्नी ने 30 की उम्र में 26 वर्षीय अन्ना मारिया से इटली में शादी की। इटली से ब्रिटेन आने पर उन्होंने कैंब्रिज को अपना आशियाना बनाया। ब्रिटेन में उन्होंने अपने कॅरिअर की शुरूआत ट्रेन ड्राइवर से की। वह छह साल तक ट्रेन ड्राइवर रहे। इसके बाद उन्होंने एक सहकारी संस्था में मिल्कमैन की नौकरी की।
डिप्लोमा भी मिला
1962 में जियोवन्नी के लाइसेंस को दुर्घटनाओं से मुक्त होने पर रॉयल सोसायटी ने डिप्लोमा भी दिया। इसके बाद वह सफल आइसक्रीम कारोबारी बन गए। जियोवन्नी के कैंब्रिज में 6 वैन चलती हैं।

ड्राइविंग के लिए नहीं है कोई आयु सीमा
जियोवन्नी ने बताया कि वह 80 साल से कार चला रहे हैं और अभी उनका कार की चाभी को टांगने का कोई इरादा नहीं है। गौरतलब है कि ब्रिटेन में ड्राइविंग के लिए कोई आयुसीमा निर्धारित नहीं है। जियोवन्नी के तीन बच्चे और चार पोते हैं। उन पर इन आठ दशकों के दौरान ड्राइविंग काल में सिर्फ दो बार तेज कार चलाने व एक बार गलत पार्किंग का ही जुर्माना लगा है।

20 की उम्र से शुरूआत
जियोवन्नी ने बताया कि उन्होंने 20 साल की उम्र से ही गाड़ी चलाना शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि 1953 में ब्रिटेन आने से पहले वह इटली की सेना में क्लर्क थे और वह 20 साल तक ड्राइविंग की।
अभी भी हैं फिट

जियोवन्नी ने बताया कि वह ब्रिटेन आने के बाद वह कई सालों तक अपनी वैन चलात रहे। उन्होंने कहा कि वह अभी भी फिट हैं और उनकी नजर भी सही है और अभी भी वह अपनी ड्राइविंग को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आते हैं। उन्होंने बताया कि मैनें कई वर्षों पहले मैं पूरे दिन कई-कई मील दूर तक ड्राइविंग करते हुए निकल जाता था वह भी बिना किसी दुर्घटना को अंजाम दिए बगैर। जियोवन्नी ने बताया कि आज भी मेरे लाइसेंस पर कोई एक्सीडेंट का दाग नहीं है।

ऑक्सफैम की नई रिपोर्ट मात्र 62 लोग हैं दुनिया के आधे संसाधनों के मालिक


वर्ष 2011 में दुनिया भर के 388 अमीरों के पास दुनिया के आधे संसाधन थे लंदन। अमीर और गरीब के बीच बनी खाई अब इतनी अधिक चौड़ी हो गई है कि दुनिया भर के आधे संसाधनों और धन संपदा पर मात्र 62 अमीरों का कब्जा है। एक तरफ पूरी मानवीय सभ्यता संसाधनों की कमी के कारण कई तरह की मुश्किलों से दो-चार हो रही है तो दूसरी तरफ मात्र 62 लोगों के पास संसाधनों की भरमार है।

एक मैगजीन में प्रकाशित ऑक्सफैम की नई रिपोर्ट के अनुसार 2010 से गरीब आबादी की धन-संपदा में 41 प्रतिशत या 10 खरब डॉलर की गिरावट आई है, जिससे ये पहले की अपेक्षा और अधिक गरीब हो गए हैं, जबकि अमीरों के धन में 17.60 खरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। \'एन इकॉनोमी फॅार द 1%\' शीर्षक से प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर अमीरों और गरीबों की बीच की यह खाई पिछले एक साल में अधिक बढ़ी है।

वर्ष 2011 में दुनिया भर के 388 अमीरों के पास दुनिया के आधे संसाधन थे। उसके बाद अमीरों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जाती रही। वर्ष 2014 में यह संख्या 80 थी तो 2015 में यह और अधिक गिरकर मात्र 62 हो गई। ऑक्सफैम के प्रमुख मार्क गोल्डरिंग के अनुसार एक ऐसी दुनिया में जहां हर नौ में से एक व्यक्ति हर रात भूखे पेट सोता हो, वहां इन अमीर लोगों को केक का सबसे बड़ा टुकड़ा देना सहज नहीं है।