Tuesday 29 March 2016

जापान में 14 साल बाद नजर आया विशालकाय जीव समुद्रफेनी


जापान की तोयामा में 14 साल बाद क्रिसमस के दिन एक विशालकाय समुद्रफेनी ;स्क्विडद्ध नजर आई तोक्यो। माना जा रहा है कि जापान इस अनोखे विशालकाय जीव का पसंदीदा सैरगाह है। सबसे पहले इस अनोखे जीव को 11 साल पहले 2004 में ओगासावारा द्वीप के पास देखा गया। इसके बाद 2012 में इसी इलाके में पहली बार विचित्र आकार वाली इस बड़ी समुद्रीफेनी को कैमरे में कैद किया जा सका था। एक चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक बेहद खतरनाक मानी जानी वाली समुद्रफेनी को एक साहसी डाइवर किमूरा आकीनोबू ने बेहद करीब से देखा।
एक चैनल को बताया उस जीव को करीब से देखने की मेरी जिज्ञासा डर से कहीं ज्यादा थी। समुद्रफेनी जीवित थी और स्वस्थ भी। जैसे ही मैं उसके पास पहुंचा उसने अपने थूथन से इंक छोडऩी शुरू की और अपनी दर्जनों सूढ़ें मेरे इर्द.गिर्द लपेटने की कोशिश करने लगी। मैंने उसे समुद्र की तरफ लाने की कोशिश की जो कि वहां से सैकड़ों मीटर दूर था। लेकिन वह गहरे समुद्र में गायब हो गई।
जानकारों ने समुद्रफेनी की तस्वीर देखकर बताया कि यह युवा समुद्रफेनी है जिसकी लंबाई करीब 12 फुट है। माना जाता है कि समुद्रफेनियां इसकी तीन गुना तक ज्यादा लंबाई की होती है। दुनिया में देखी गई अब तक की अकेली समुद्रफेनी डक्स को देखने के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि इनकी लंबाई 60 फुट तक होती है।

शेर को इस छोटी बच्ची ने किया किस वायरल हुआ वीडियो फिर जानें क्या हुआ


चिडिय़ाघर में हुई इस घटना का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यहां देखें चिडिय़ाघर में यह निर्देश साफ होते हैं कि आप जानवरों के बाड़े व पिंजरे से दूर रहकर ही उन्हें देखें।
नई दिल्ली। हाल ही एक बच्ची ने चिडिय़ाघर में शेर को किस किया लेकिन इसके बाद जो शेर ने किया उसके बारे में शायद इस बच्ची ने कभी नहीं सोचा था।
सोशल मीडिया पर इन दनों वायरल हो रे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे चिडिय़ाघर में बच्ची ने कांच के फ्रेम के पीछे से शेर को किस किया लेकिन यह शेर को किस कदर नागरवार गुजरा। शुक्र है शेर और बच्ची के बीच कांच की यह दीवार थी।

Monday 28 March 2016

इस पिता ने 16 माह की बेटी से ही कर ली शादी, जानिए क्या थी वजह


बेशक खबर का शीर्षक पढ़ कर आप भी चौंक गए होंगे, लेकिन असली वजह जानकर आप भी भावुक हो जाएंगे। 31 साल के एंडी बर्नार्ड ने अपनी 16 माह की बेटी पॉपी माई से शादी कर ली। दरअसल पॉपी को ब्रेन कैंसर है और डॉक्टर्स ने कहा कि उसके जीवन के केवल दो दिन ही बचे हैं। हालात सेे मजबूर होकर पिता एंडी ने खुद ही बेटी से शादी कर ली।
रॉयल एयर फोर्स 27 स्क्वैड्रन रेजीमेंट में सर्विस कर रहे एंडी इंग्लैंड के नॉरफोक के रहने वाले हैं



पूरा करना था अपना वादा
रॉयल एयर फोर्स 27 स्क्वैड्रन रेजीमेंट में सर्विस कर रहे एंडी इंग्लैंड के नॉरफोक के रहने वाले हैं। एंडी ने बताया कि जब मुझे पता चला कि पॉपी हॉस्पिटल से घर आने वाली है तो मेरी आंखों में उसकी शादी का सपना था। कभी सोचा नहीं था कि यह इस तरह से होगा। हमारा दिल टूट चुका है। मैं प्रिंसेस को दिया वादा पूरा करना चाहता था। जैसी कल्पना की थी वैसा तो नहीं था, लेकिन यह उसका वैडिंग डे जरूर था।
पहले हुए किडनी में कैंसर फिर ब्रेन कैंसर
14 फरवरी को पॉपी की तबीयत बिगडऩे पर मां सैमी उसे डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने कहा कि बेटी को किडनी में कैंसर हुआ है। फिर सीटी स्कैन में पता चला कि इन्फैक्शन फेफड़ों तक पहुंच गया है। इसके बाद कीमोथैरेपी शुरू की गई और पॉपी ठीक भी होने लगी, तभी 16 मार्च को पता चला कि उसे ब्रेन कैंसर भी है।


अब सच में परी बन जाएगी पॉपी
पॉपी की मां सैमी ने बताया कि इलाज में बेटी को तकलीफ न हो इसलिए हम उसे घर ले आए। पॉपी धीरे धीरे सुस्त पड़ती जा रही है। सैमी ने बताया कि मैंने अपने दोनों बेटों को समझाया कि हमेशा के लिए एक तारा बनने से पहले उनकी बहन पॉपी उनके साथ कुछ पल बिताने घर आ रही है। यह हम सब के लिए मुश्किल समय है। मैंने एक परी को जन्म दिया और अब वह सच में एक परी बन जाएगी। शादी की रस्मों के बाद पॉपी अपने पिता की गोद में ही सो गई। यह परिवार पॉपी के साथ बचे हुए अपने हर पल को पूरी तरह से इंजॉय करने में जुटा है। सैमी ने बताया कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी बेटी को याद रखें। मैं लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने का काम करना चाहती हूं।

39000 रुपए में नीलाम हुआ यह नींबू, जानें क्या है खास


तमिलनाडु के वेलुपुरम जिले में एक नींबू 39000 रुपए में नीलाम हुआ है, जानें खासियत
विलुपुरम। बाजार से आपने नींबू तो कई बार खरीदे होंगे, लेकिन क्या कभी आपन इतने महंगे नींबू के बारे में सुना है। तमिलनाडु के वेलुपुरम जिले में एक नींबू 39000 रुपए में नीलाम हुआ है। ऐसा पांगुनी उतिराम त्योहार की एक रस्म के तहत हुआ है। यह रस्म हर साल पूरी की जाती है।
तिरुवन्नैनल्लुर के बालातंडेउतपनी मंदिर में 11 दिन के उत्सव के अंतिम दिन भगवान मुरुगन के भाले से लटकाए गए फलों को नीलाम किया जाता है। गांव वालों का मानना है कि जिसके पास भी यह फल होता है उसे समृद्धि मिलती है और जिस दंपती के पास यह फल होता है उसे संतान भी मिलती है।
इस नींबू को दंपती जयरामन और अमरावती ने खरीदा है। इस नीबूं के अलावा आठ नींबू और नीलाम किए गए और कुल मिलाकर ये 9 नींबू 57722 रुपए में नीलाम हुए।

Sunday 27 March 2016

यहां होली पर अपने आप ही जलने लगती हैं लकडिय़ां, जानें क्या है रहस्य


इन लकडिय़ों को कोई चुराने की हिम्मत भी नहीं करता, आप भी जानें भारत में कहां है ये जगह
होलिका दहन पर आप सबने ही लकडिय़ां जलाई होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में ही एक ऐसी जगह भी है जहां हर साल होली पर अपने आप ही लकडिय़ां जल उठती हैं। इंदौर में बागली से 8 किमी दूर जटाशंकर गांव के पास नयाखूंट के जंगल में ये जगह है।
यहां हर साल होली पर अपने आप आग लग जाती है और हजारों क्विंटल लकडिय़ां जलकर खाक हो जाती है। ग्रामीण इसे होली माल और होली टेकरी के नाम से पुकारते हैं। जंगल में इस जगह पर साल भर लोग अपनी इच्छा से लकडिय़ां डालते रहते हैं और होली के आते-आते ये लकडिय़ां हजारों क्विंटल तक पहुंच जाती हैं।
इसके पीछे मान्यता है कि जो व्यक्ति लकड़ी नहीं डालता, उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हजारों क्विंटल ये लकडिय़ां चमत्कारी रूप से होली की रात में सुबह 4 से 5 बजे के बीच खुद ही जलने लगती हैं। इसके पास में ही नृसिंह भगवान का मंदिर है। लोगों का मानना है कि भूमि चमन ऋष्ज्ञि की तपोभूमि है। यहां से चंद्रकेश्वर व जटाशंकर की दूरी कम है और दोनों स्थान चमन ऋषि और जटायू की तपोभूमि होकर भगवान शंकर के प्राकृतिक जलाभिषेक तीर्थ हैं।
लोगों की मान्यता और तब बढ़ गई जब सारे जंगल में आग लग गई और इस जगह की सारी लकडिय़ां सुरक्षित रहीं। होली टेकरी की लकडिय़ों को जब हटाया गया तो वहां पिछले साल जली हुई लकडियों की राख दिखी। इन लकडिय़ों को कोई चुराने की हिम्मत भी नहीं करता।

Wednesday 23 March 2016

वॉशिंग मशीन में बच्ची फंसी मशीन को आरी से काटकर जान बचाई


आधे घंटे की इस मेहनत के बाद किसी तरह बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला
बेंगलूरु। छोटे बच्चों को संभालना सच में मुश्किल काम है। एक मिनट आपकी नजर उनसे हटी नहीं कि वे किसी भी मुसीबत को न्यौता दे सकते हैं। हाल ही ऐसा एक मामला गुलबर्ग में सामने आया है। यहां दो साल की एक बच्ची वॉशिंग मशीन में फंस गई।
घबराए पेरेंट्स ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए वॉशिंग मशीन को ही आरी से कटवा दिया। हाल ही इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। परिवार के लोग अपने काम काज में व्यस्त थे तबभी बच्ची खेलते खेलते मशीन के पास पहुंच गई। ढक्कन खुला होने के कारण बच्ची उसके अंदर गिर गई और फंस गई।
उसे निकालने का बहुत प्रयास किया गयाए लेकिन जब सब प्रयास विफल रहे तो मशीन को आरी से काटा गया। आधे घंटे की इस जद्दोजहद के बाद किसी तरह बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।

Monday 21 March 2016

टूटी हुई घड़ी ने मालिक को किया मालामाल मिले 52 लाख रूपये


अगर आप एक टूटी हुई पुरानी घड़ी को बाजार में बेचने जाएं तो ज्यादा से ज्यादा इसके कितने रुपए मिल सकते हैं  आप सोचोगे 300 रुपए या 500 रुपए। इंग्लैंड के चेशायर में रहने वाले एक व्यक्ति ने भी केवल 500 पाउंड में इसके बिकने की सोची थी लेकिन इसकी जितनी कीमत लगी उसे देखकर यह खुद भी हैरान रह गया।
दरअसल टूटी हुई बंद पड़ी यह पुरानी कलाई घड़ी दूसरे विश्व युद्ध में इटालियन नेवी डाइवर्स की दी गई घड़ी निकली। इसे लाने वाले व्यक्ति को यह घड़ी अपने स्वर्गवासी पिता के घर की सफाई के समय ड्रॉअर में मिली थी जिसे बेचने के लिए वह इसे कार बूट सेल में लाया था यहां इस घड़ी की कीमत लगी 55000 पाउंड यानी कि करीब 5271584 रुपए।
इटालियन कंपनी पेनेराय की बनाई गई इस घड़ी को बिना स्टै्रप के और बंद मशीनरी के साथ बेचा गया। घड़ी का हैमर प्राइस 46000 पाउंड था जबकि इस पर तमाम फीस जोडऩे के बाद इसकी नीलामी जीतने वाले ने इसके लिए 55660 पाउंड चुकाए। यह घड़ी 1941 से 1943 के बीच बनाई गई 618 रॉलेक्स 17 रुबिस पेनेराय 3636 घडिय़ों में से एक थी।
यह घड़ी वॉटरप्रूफ थी और इसके बड़े डायल केस को अंधेरे में भी देखा जा सकता था। इसे रॉयल इटालियन नेवी को सप्लाई किया जाता था और इसे वे गोताखोर इस्तेमाल करते थे जिन पर ह्युमन टॉरपेडोस को ऑपरेट करने की जिम्मेदारी होती थी। ह्युमन टॉरपेडोस वह मिसाइल होती थी जिसे पानी के अंदर ही छोड़ा जाता था इस पर डिटैचेबल वॉरहैड होता था जिसे दुश्मन के जहाज पर टाइम्ड लिम्पेट माइन की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता था।
डाइवर्स इस मिसाइल को केवल रात में ही दाग सकते थे इसलिए ही इस घड़ी का डयर और डिजिट्स चमकदार बनाए गए थे ताकि अंधेरे में भी समय देखा जा सके। इस घड़ी को ऑक्शनीयर्स राइट मार्शल में नीयाल विलियम्स ने बेचा उन्होंने बताया कि जब इस घड़ी को उन तक लाने वाले व्यक्ति को इस बारे में बताया गया कि इसे 46000 पाउंड में बेचा तो वह अपने कानों पर भरोसा ही नहीं कर पाया।

Saturday 19 March 2016

पहाड़ को काटकर बनाया बहुत खूबसूरत घर 12 साल में


अमरीका के सैन इसिड्रो डी परेज जेलेडन के रहने वाले एक व्यक्ति ने 12 साल लगातार मेहनत करने के पश्चात पहाड़ के अंदर गुफा नुमा घर का निर्माण करा। इस घर के अंदर 3 बेडरूम, 1 डाइनिंग रूम और आलीशान घर में मिलने वाली तमाम सुविधाएं मौजुद हैं। मैनुअल बैरेंटस नामक इस व्यक्ति का परिवार 2000 स्क्वायर फिट में बने इस घर में रहता हैं।



इस घर को ज्वालामुखी चटट्ानों को काटकर बनाया गया हैं। बैरेंटस से इस घर का नाम टोपोलान्डिया रखा हैं। इस घर के अंदर एक मेडिटेशन रूम भी बना हैं। हाल ही में इस घर की तस्वीरें एक फोटोग्राफर ने क्लिक की।


इस घर में स्केल्टन और अलग­-अलग रंग के कार्टून बने हैं। और इसके अलावा एक बड़ा डाइनिंग रूम बना हुआ है जिसमे सारा परिवार एक साथ बैठ कर आंनद ले सकते है मैनुअल ने इस घर को अब गेस्ट के लिए भी खोल रखा हैं। ताकि लौगो को पता चल सके की फावडे की मदद से उन्होने इतना सुंदर घर बना रखा हैं।

Thursday 17 March 2016

प्रतिदिन सड़क पार कर के अपने मनपसंद खाने के लिए रेस्त्रां जाती हैं ये सील


क्या कभी आपने किसी जीव को पसंदीदा खाना खाने के लिए रेस्टोरेंट जाते देखा हैं कुछ ऐसा ही हुआ हैं आयरलैंड में एक मामला कुछ ऐसा ही सामने आया हैं सैम्मी नामक एक सील रोज अपना पसंदीदा सीफूड खाने के लिए बहुत ही सावधानी से सड़क पार करती हैं और रेस्टोरेंट तक जाती हैं।
उसे देखने के लिए वहां लौगो की काफी भीड़ लग जाती हैं वहीं कई बार लोग लाइटहाउस रेस्टोरेंट के पास सील के आने का इंतजार करते रहते हैं रेस्टोरेंट के मालिक भी उसको खाना दे देते हैं वैसे उसको पानी में वापस भेजना काफी मुश्किल होती हैं।
आज कल इस सील का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लौगो का कहना हैं की इस सील को स्थानीय वाइल्ड लाइफ अधिकारी को दे दिया जाना चाहिए इसकी जान को खतरा हैं सड़क पार करने के दोरान कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकती हैं।

Wednesday 16 March 2016

यहां दीवारों पर उगती है सब्जियां जानने के लिये पूरी खबर पढ़े

अब आप अपने घर की दीवारों पर भी उगा सकते हैं सब्जियां और अनाज, पढ़ें क्या है तरीका


आपने खेतों में सब्जियां उगते तो देखा होगा और शायद उगाई भी होगी लेकिन आपने कभी दीवारो पर खेती करते किसी को देखा हैं ऐसा ही कुछ हुआ हैं इजरायल की एक कंपनी हैं ग्रीनवाॅल नाम की इस कंपनी के संस्थापक टिकाऊ व स्वतंत्र खाद्य उत्पादन की एक अनोखी पद्धति वर्टिकल गार्डन को बाजार में लाने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके तहत बहुमंजिला इमारतों के लोग दीवारों पर चावल, मक्का और गेजूं सहित किसी भी फसल की खेती कर सकते हैं। वर्ष 2009 में स्थापित हुई इस कंपनी ने आधुनिक प्रौद्योगिकी का विकास किया है, जिसके तहत इमारतों के अंदर और बाहर दोनों तरफ से दीवारों के साथ एक ऊंचे गार्डन की परिकल्पना की गई है। ग्रीनवॉल इसके लिए उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध कराती है।

ऐसे उगती हैं दीवार पर सब्जियां
वर्टिकल प्लांटिंग सिस्टम के तहत पौधों को स्मॉल मॉड्युलर यूनिट में सघन रूप से लगाया जाता है। पौधे बाहर न गिरें, इसकी व्यवस्था की जाती है। इस पॉट को गार्डन की डिजाइन में बदलाव लाने या इसे रिफ्रेश करने के लिए निकाला या बदला भी जा सकता है। प्रत्येक पौधे को कंप्यूटर की सहायता से विशेष तरीके से पानी पहुंचाया जाता है। जब इन पौंधों पर अनाज उगने का समय होता है तो पॉट में तैयार इन हरित दीवारों को कुछ अवधि के लिए नीचे उतार लिया जाता है और उसे जमीन पर क्षैतिज रूप से रखा जाता है।

Tuesday 15 March 2016

लंदन, मे जैम्स ग्रीन नामक एक व्यक्ति को चार फीट लम्बां चुहां मिला।


यह तस्वीर ना तो माॅफ्र्ड की हुई है न ही कोई कैमरे ट्रिक से ली हुई है यह चुहे का आकार असली में ही इतना बड़ा हैं

घरों या गोदामो में चुहो का दिखना आम बात सी हो गई हैं पर चुहों का आपने इतना बड़ा आकार नही देख होगा जिसकी लम्बाई चार फीट हैं ईस्ट लंदन में एक गैंस वर्कर जैम्स ग्रीन ने एक चार फीट लम्बंा चुहा ढुंढा जो छोटे चुहों को मारने के लिये डाला हुआ जहर खाकर मर चुका था। जब जैम्स ने चुहें को देखा तो उसने चुहें को फेकने से पहले अपने दोस्त से इसकी तस्वीर लेने के लिए बोला ताकि ये लोगों को बता सके और यकीन दिला सके कि हमने इसना बड़ा चुहा देख हैं।
अगर एक्सपट्र्स की माने तो यह गैम्बियन पाउच्ड रैट हो सकता हैं। इसको पाला जाता हैं यूनिवर्सिटी आॅफ हडर्सफील्ड के डाॅÛ हुई क्लार्क ने बताया कि इन चुहों की लंबाई चार फीट तक पहुंच जाती हैं और यह बहुत ही बुद्धिमान और चतुर होते हैं। इनकी नजर कमजोर होती हैं पर सुंघने की शक्ति ज्यादा तेज होती हैं। इनको खाने चावल और फ्राइड चिकन पसंद करते हैं।

Tuesday 8 March 2016

पार्क में 30 शेरों के साथ रहता है। यह आदमी

दक्षिण अफ्रीका के केविन रिचर्ड्सन अपनी दिलेरी के कारण सुर्खियों में आए हैं, देखें अद्भुत तस्वीरें
शेर के सामने खड़े होने का साहस भी दिखा पाना जहां बेहद मुश्किल होता है, वहीं एक व्यक्ति ऐसा है जो दिन रात शेरों के साथ रहता है, वह भी एक दो नहीं पूरे 30 शेरों के साथ। दक्षिण अफ्रीका के केविन रिचर्ड्सन अपनी दिलेरी के कारण सुर्खियों में आए हैं। प्रिटोरिया में उन्होंने खुद ही वाइल्डलाइफ सेंचुरी शुरू की है और इसमेंं 30 शेर उनके खास दोस्त बन गए हैं


पर्यावरणविद् केविन दुनिया में शेर बचाने के अभियान से जुुड़े हैं और कई डॉक्यूमेंट्री के जरिए वे ये संदेश दे चुके हैं। हाल ही फोटोग्राफर एड्रियन स्टर्न ने उनकी शेरों के साथ अद्भुत तस्वीरें खींची हैं। इनमें केविन शेरों के साथ बेहद दोस्ताना अंदाज में नजर आ रहे हैं। ये तस्वीरें - हम अपनी अगली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे - अभियान का हिस्सा बनी हैं।

Wednesday 2 March 2016

गजब! 46000 रुपए में क्यों बिका यह कंडोम

स्पेन में लगभग 200 साल पुराने एक कंडोम को 46000 रुपए में नीलाम किया गया। यह कंडोम भेड़ की आंतों से बनाया गया था। ऑनलाइन नीलाम किया गया यह कंडोम बेहद दुर्लभी है। ऐसे दुर्लभ कंडोम अब कुछ चुनिंदा म्यूजियम में ही देखने को मिलते हैं।
कुछ अंग्रेजी अखबारों में छपी खबर के मुताबिक यह कंडोम स्पेन के एक शहर में बक्से में मिला था। कैटाविकी में हुई इस नीलामी में लोगों ने इतनी रुचि दिखाई कि यह अनुमानित कीमत से करीब दोगुने दाम में बिका। इसे एम्सटर्डम के एक व्यक्ति ने खरीदा है। आपको बता दें कि फ्रांस में मिला एक 19 सेंटीमीटर लंबा कंडोम दुनिया का अब तक का सबसे महंगा कंडोम है।
बताया जाता है कि 200 साल पहले बहुत महंगा होने और बनाने में काफी समय लगने के कारण कंडोम को सिर्फ अमीर लोग ही इस्तेमाल किया करते थे। इस दौर में कंडोम आमतौर पर 15 सेंटीमीटर लंबे होते थे। 19वीं शताब्दी में रबर के सस्ते कंडोम बनाए जाने के बाद से भेड़ की आंत से बनने वाले ये कंडोम चलन से बाहर हो गए।

नासा के शोधार्थियों का कहना सर्वाधिक सूखे स्थान मंगल पर जीवन का संकेत

नासा के शोधार्थियों का कहना है कि अगर ऐसा ही वातावरण मंगल पर है, तो वहां जीवन संभव हो सकता है। मंगल ग्रह की तुलना में काफी गर्म होने के बावजूद इस क्षेत्र की मिट्टी का रसायन उल्लेखनीय रूप से मंगल ग्रह के समान है। नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. ब्रायन ग्लास के अनुसार, इस क्षेत्र में जीवन का पता लगाने के साधन लाना मुश्किल है। मंगल ग्रह के अनुरूप माहौल हमें मंगल पर जीवन की पूर्व और वर्तमान स्थितियों के आकलन में मदद करेगा।
मंगल ग्रह पर ठंडे और सूखे वातावरण की स्थितियां जीवन की मौजूदगी का वह सबूत दे सकती हैं, जिससे हमे पता चल सके कि सतह के नीचे जीवन संभव है, क्योंकि वहां विकिरण का प्रभाव कम होता है। लेकिन जब तक मानव लाल ग्रह पर कदम नहीं रखता है, तब तक हमें मंगल ग्रह की सतह के नीचे के नमूने प्राप्त करने के लिए रोबोटिक की मदद से उस संभावित स्थान की वर्तमान और पूर्व परिस्थितियों की पहचान करनी होगी। अमरीका, चिली, स्पेन और फ्रांस के 20 से अधिक वैज्ञानिक उच्च हवाओं के बीच बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में इस परीक्षण को अंजाम दे रहे हैं।
मंगल ग्रह की परिस्थितियों के समान विश्व के सबसे सूखे स्थान पर स्थित नासा की प्रयोगशाला मंगल ग्रह पर जीवन का पता लगाने में मदद कर सकती है। चिली के एटाकामा रेगिस्तान में पानी की कमी है और पराबैंगनी विकिरण की अधिकता, जिससे यहां जीवन कठिन है। इस कठिन वातावरण में सूक्ष्म जीव पहाड़ों और चट्टानों के भीतर रहते हैं।
नासा के शोधार्थियों का कहना है कि अगर ऐसा ही वातावरण मंगल पर है, तो वहां जीवन संभव हो सकता है -