Wednesday 2 March 2016

नासा के शोधार्थियों का कहना सर्वाधिक सूखे स्थान मंगल पर जीवन का संकेत

नासा के शोधार्थियों का कहना है कि अगर ऐसा ही वातावरण मंगल पर है, तो वहां जीवन संभव हो सकता है। मंगल ग्रह की तुलना में काफी गर्म होने के बावजूद इस क्षेत्र की मिट्टी का रसायन उल्लेखनीय रूप से मंगल ग्रह के समान है। नासा के अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ. ब्रायन ग्लास के अनुसार, इस क्षेत्र में जीवन का पता लगाने के साधन लाना मुश्किल है। मंगल ग्रह के अनुरूप माहौल हमें मंगल पर जीवन की पूर्व और वर्तमान स्थितियों के आकलन में मदद करेगा।
मंगल ग्रह पर ठंडे और सूखे वातावरण की स्थितियां जीवन की मौजूदगी का वह सबूत दे सकती हैं, जिससे हमे पता चल सके कि सतह के नीचे जीवन संभव है, क्योंकि वहां विकिरण का प्रभाव कम होता है। लेकिन जब तक मानव लाल ग्रह पर कदम नहीं रखता है, तब तक हमें मंगल ग्रह की सतह के नीचे के नमूने प्राप्त करने के लिए रोबोटिक की मदद से उस संभावित स्थान की वर्तमान और पूर्व परिस्थितियों की पहचान करनी होगी। अमरीका, चिली, स्पेन और फ्रांस के 20 से अधिक वैज्ञानिक उच्च हवाओं के बीच बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में इस परीक्षण को अंजाम दे रहे हैं।
मंगल ग्रह की परिस्थितियों के समान विश्व के सबसे सूखे स्थान पर स्थित नासा की प्रयोगशाला मंगल ग्रह पर जीवन का पता लगाने में मदद कर सकती है। चिली के एटाकामा रेगिस्तान में पानी की कमी है और पराबैंगनी विकिरण की अधिकता, जिससे यहां जीवन कठिन है। इस कठिन वातावरण में सूक्ष्म जीव पहाड़ों और चट्टानों के भीतर रहते हैं।
नासा के शोधार्थियों का कहना है कि अगर ऐसा ही वातावरण मंगल पर है, तो वहां जीवन संभव हो सकता है -

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